रविवार, ५ मे, २०१९

तुफान

तुफान आते है
ढिले पडते है
चले भी जाते है...
तुफान आने पर
कोई चले जाते है
कोई रह जाते है...
अकसर लोग डरते है
तुफानो से, और कुछ
डरते भी नहीं है...
कुछ ना डरनेवालो को जाना पडता है
कुछ डरनेवालो को रहना पडता है;
तुफान नहीं पुछता
आप क्या सोचते है?
ऐसा भी हो सकता है
वैसा भी हो सकता है,
ये भी होता है
वो भी होता है,
सुनकर ये बाते सभी
पुछ उठे कविराय
आखीर होता क्या है?
और दिये जाते है उत्तर भी-
वही होता है
जो मंजूर ए खुदा होता है !!
- श्रीपाद कोठे
नागपूर
शनिवार, ४ मे २०१९

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